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Showing posts from October, 2019

पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

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  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो

मधुमेह (Diabetes) के लक्षण और उपचार (Symptoms and Treatment of diabetes)

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मधुमेह (Diabetes) के लक्षण और उपचार (Symptoms and Treatment of diabetes) मधुमेह (Diabetes) के मुख्य लक्षण 1. मूत्र की अधिकता  इसके रोगी के मूत्र के साथ शरीर से शर्करा (Sugar) भी निकलती है। अतः मूत्र पर मक्खी व चींटी बैठती हैं। जमीन पर मूत्र का धब्बा भी बन जाता है। दोषों के विकृत होने पर यकृत की विकृति से यह रोग पैदा होता है। परिणामस्वरूप शर्करा (Sugar) पाचन क्रिया में सहायक न होकर एक अस्वाभाविक रूप से संचित होने लगती है और फिर यह शर्करा (Sugar) रक्त में अधिक मात्रा में जा मिलती है। इस रोग के प्रति जागरुक रहने की अति आवश्यकता होती है, क्योंकि यह रोग धीरे धीरे उत्पन्न होता है और बहुत समय तक अपने आप को प्रकट नहीं करता, रोगी का ध्यान बहुत समय तक इसकी ओर जा ही नहीं पाता क्योंकि रोगी को शुरू शुरू में सामान्य सी दुर्बलता महसूस होती है, जिसे वह टाल जाता है। सामान्यतः  जैसे ही निम्न लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए तथा रक्त एवं मूत्र परीक्षण करवा लेना चाहिए। लक्षण :-  अधिक भूख प्यास, ज्यादा पेशाब आना, थकावट, अचानक वजन कम होना, जख्म का देरी से भरना, हिच

यूरिक एसिड़ के लक्षण, कारण एवं उपचार (Symptoms, region and treatment of uric acid)

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यूरिक एसिड़ के लक्षण, कारण एवं उपचार (Symptoms, region and treatment of uric acid) यूरिक एसिड़ के लक्षण (Symptoms of Uric Acid ) पैरों-जोड़ों में दर्द होना। पैरों की एडियों में दर्द रहना। गांठों में सूजन होना। जोड़ों में सुबह शाम तेज दर्द कम-ज्यादा होना। एक स्थान पर देर तक बैठने पर उठने में पैरों एड़ियों में असहनीय दर्द। फिर दर्द सामन्य हो जाना। पैरों, जोड़ो, उगलियों, गांठों में सूजन होना। शर्करा लेबल बढ़ना। इस तरह की समस्या होने पर तुरन्त यूरिक एसिड जांच करवायें। यूरिक एसिड नियत्रंण करने के तरीके (Treatment for Uric Acid) गोखरू, पुनर्वा की जड, सूखा आंवला इन तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें, सुबह शाम एक-एक चम्मच लें सुबह को खाली पेट और शाम को खाना खाने के आधा घंटा पहले लेना है। ऐसा करने से यूरिक एसिड की समस्या जड़ से समाप्त हो जायेगी। यूरिक एसिड बढ़ने पर हाईड्रालिक फाइबर युक्त आहार खायें। जिसमें पालक, ब्रोकली, ओट्स, दलिया, इसबगोल भूसी फायदेमंद हैं। मूली 3-4 इंच लंबा टुकड़ा, खीरा 3-4 इंच लंबा टुकड़ा, करेला 3-4 इंच लंबा टुकड़ा, हरे धनिए की

बहेड़े द्वारा अनेक रोगों का उपचार (Treatment of many diseases by baheda)

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बहेड़े द्वारा अनेक रोगों का उपचार (Treatment of many diseases by  baheda) परिचय: बहेड़ा के पेड़ बहुत ऊंचे, फैले हुए और लंबे होते हैं। इसके पेड़ 18 से 30 मीटर तक ऊंचे होते हैं जिसकी छाल लगभग 2 सेंटीमीटर मोटी होती है। इसके पेड़ पहाडों और ऊंची भूमि में अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। इसकी छाया स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान होते हैं तथा पेड़ लगभग सभी प्रदेशों में पाये जाते हैं। इसके पत्ते लगभग 10 सेंटीमीटर से लेकर 20 सेंटीमीटर तक लम्बे तथा और 6 सेंटीमीटर से लेकर 9 सेंटीमीटर तक चौडे़ होते हैं। इसका फल अण्डे के आकार का गोल और लम्बाई में 3 सेमी तक होता है, जिसे बहेड़ा के नाम से जाना जाता है। इसके अंदर एक मींगी निकलती है, जो मीठी होती है। औषधि के रूप में अधिकतर इसके फल के छिलके का उपयोग किया जाता है। बहेडे के गुण: बहेड़ा कब्ज को दूर करने वाला होता है। यह मेदा (आमाशय) को शक्तिशाली बनाता है, भूख को बढ़ाता है, वायु रोगों को दस्तों की सहायता से दूर करता है, पित्त के दोषों को भी दूर करता है, सिर दर्द को दूर करता है, बवासीर को खत्म करता है, आंखों व

हृदय का तेज धड़कना, और हृदय की जलन - Fast beating of the heart, and heartburn

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हृदय का तेज धड़कना, और हृदय की जलन - Fast beating of the heart, and heartburn प्रातःकाल नाश्ते में एक प्लेट टुकड़े करके तले हुए अथवा उबाले गए प्याज के नित्य प्रति सेवन से मनुष्य को दिल के दौरे (heart attack) नहीं पड़ते। (प्याज से हृदय धमनियों में रक्त के थक्के नही बनते और इस प्रकार हृदय संभावित क्षति से सुरक्षित रहता है।) हृदय की धड़कन बढ़ना तथा रक्त गाढा होने की बीमारी में गाजर लाभ प्रदान करती है। हृदय कमजोर होने पर प्रतिदिन 2 बार गाजर का रस पीना चाहिए। धारोष्ण दूध अर्थात दूध पशु के थनों से निकालकर, छानकर, ताजा, बिना गर्म किए ही मिश्री या शहद, भिगोई हुई किशमिश का पानी मिलाकर 40 दिन पीने से वीर्य शुद्ध होता है। नेत्र ज्योति तथा स्मरण शक्ति बढ़ती है। खुजली, स्नायु दुर्बलता, बच्चों का सूखा रोग, क्षय रोग (टी•बी•) हिस्टीरिया तथा हृदय की धड़कन में लाभ होता है। छोटे दुर्बल बालकों को इस प्रयोग से बहुत ही लाभ होता है। इसे धीरे-धीरे चुस्की लेकर पिएं। हृदय की धड़कन यदि अधिक प्रतीत होती हो, तो सूखा धनिया और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर नित्य 1 चम्मच भर की मात्रा में ठंडे जल से सेवन करने

पेट की गैस (Acidity), अम्लपित्त की समस्या का घरेलू उपचार

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पेट की गैस (Acidity) जिन रोगियों के पाचनांगों में अम्लता (खट्टापन) की अधिकता होती है, खट्टी डकारें आती हैं और वायु अधिक बनती है, उनके लिए गर्म-गर्म राख अथवा रेत में भुना हुआ आलू खाना बहुत ही लाभदायक है । भुना हुआ आलू गेहूं के आटे की रोटी की अपेक्षा आधे समय में हजम हो जाता है तथा शरीर को गेहूँ की रोटी से भी अधिक पौष्टिकता प्रदान करता है। पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध को दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है, जो गैस (Acidity) को रोक़ता है। आलू की प्रकृति क्षारिय है, जो गैस (Acidity) को कम करती है। गैस (Acidity) के रोगी भोजन में नियमित रूप से आलू खाकर गैस (Acidity)  को दूर कर सकते हैं।  गैस (Acidity) के रोगी के लिए दिन में 3 बार ठंडा दूध पीना लाभकारी है। गैस (Acidity) से ग्रसित रोगी की पाचनशक्ति खराब रहती है तथा दांत भी जल्द गिर जाते हैं। आंखें दुखने लगती हैं और बार-बार जुकाम हो जाया करता है । कहने का तात्पर्य यह है कि गैस (Acidity)  से अनेक रोग उत्पन्न होते हैं । गैस (Acidity) के रोगी के लिए चाय हानिकारक है। भोजनोपरांत 1-1 लौंग प्रातः-साय॑ खाने से अथवा शर्बत लेने से

बालों के झड़ने का उपचार (Treatment for hair fall)

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बालों के झड़ने का उपचार ( Treatment for hair fall) बाल झडने के कारण एवं लक्षण -  पेट की खराबी, खराब खान-पान, शारीरिक कमजोरी, कब्ज, नजला, सिर की कमजोरी, खराब तेल का प्रयोग करने से, पौष्टिक भोजन का अभाव, बुखार उतरने के बाद मानसिक अशांति आदि के कारण अनावश्यक रूप से सिर के बाल झड़ने लगते हैं।  बाल बड़ी तेजी से झड़ते है। शुरू-शुरू में आगे के बाल झड़ते जाते है। धीरे-धीरे सारी खोपड़ी गंजी हो जाती है। इसके कारण व्यक्ति हीनभावना महसूस करता है।  उपचार  नीबू के रस में समान मात्रा में प्याज का रस मिलाकर बालों में लगाते रहने से बालों का झड़ना रुक जाता है।  नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उसमे नीबू का रस निचोड़कर, इस पानी से सिर धोते रहने से कुछ ही दिनों में बालों का झड़ना रुक जाता है।  नीबू के रस में लहसुन का रस मिलाकर सिर पर लेप करते रहने से नये बाल उगने लगते हैं तथा पुराने बाल झड़ने बंद हो जाते हैं।  लहसुन की कलियों को सुर्सा के साथ पीसकर, उड़े हुए  बालों के स्थान पर लगते रहने से बाल फिर से उग आते है।  गंज वाले स्थान पर लहसुन का रस रगड़कर लगाये और सूखने दें। दिन में ३ बार लहसुन का

पथरी की समस्या का घरेलू उपचार (Home remedies for stone problem)

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पथरी की समस्या का घरेलू उपचार (Home remedies for stone problem) पथरी यानी कि किडनी या शरीर के किसी भी हिस्से में स्टोन बन जाने की समस्या कई लोगों को हो जाती है यहां तक की परेशानी बढ़ने पर कई बार मरीज को सर्जरी तक करवाने की जरूरत पड़ सकती है। हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिन्हें आजमाने से पथरी की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है -   उपचार   1. करेले का रस छाछ के साथ रोजाना पीने से भी हर तरह की पथरी से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। 2. चौलाई की सब्जी नियमित रूप से खाने पर भी पथरी गलकर  बाहर  निकलने में मदद मिलती है। 3. नारियल पानी नियमित रूप से पीएं, इससे भी पथरी गल के धीरे-धीरे बाहर होने में मदद मिलेगी। 4. आम के ताजे पत्तों को छांव में सुखाएं, उसके बाद उन्हें बारीक पीस लें। अब नियमित सुबह बासी पानी के साथ उनका सेवन करें। इससे पथरी की समस्या से छुटकारा पाने मदद मिलेगी। 5. माना जाता है कि नियमित रूप से 3-4 बादाम चबा-चबाकर खाने से भी पथरी में आराम मिलता है। नोट- पथरी की दवाई घर बैठे मंगवाने हेतु हमसे संपर्क करें । दोस्तो पथरी के उपचार ह

जाने कितने रोगों में लाभकारी हैं, बेलपत्र। तथा इनके द्वारा उपचार (Know how many diseases are beneficial, Belpatra. And treatment.)

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जाने कितने रोगों में लाभकारी हैं, बेलपत्र। तथा इनके द्वारा उपचार (Know how many diseases are beneficial, Belpatra. And treatment.) आप  बेलपत्र के बारे में तो  जानते ही होंगे, और समझते भी होंगे कि इसका इस्तेमाल शिवलिंग पर चढ़ाने व पूजा करने में किया जाता है तथा बेलपत्र का इस्तेमाल कई रोगों को मिटाने के लिए जड़ी बूटी के तौर पर भी किया जाता है। आइए, जानते हैं बेलपत्र का इस्तेमाल करके क्या-क्या बेमिसाल फायदे लिए जा सकते हैं। उपचार   बेल पत्तियों का रस बनाकर नियमित रूप से सेवन करने से सांस से जुड़ी बीमारियों में लाभ होता है।  तेज बुखार होने पर बेलपत्र का काढ़ा पीने से राहत मिलती है। बेलपत्र बालों को झड़ने से रोकने में भी मददगार है। इसके लिए रोजाना एक बेल के पत्ते को धोकर खा सकते है। जल्द ही आपको फर्क दिखना शुरू हो जाएगा। अगर बेल के पके फल को शहद और शकर मिलाकर खाया जाए, तो खून साफ होने में मदद मिलती है। शरीर से आ रही दुर्गंध को खत्म करने के लिए भी बेलपत्र का इस्तेमाल कर सकते है। इसके लिए बेल के पत्तों का रस पूरे शरीर पर लगाकर कुछ देर रखे फिर एक घंटे बाद नहा लें। मुंह के

रंग गोरा करने के घरेलू नुस्खे (Home remedies for fair complexion)

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रंग गोरा करने के घरेलू नुस्खे (Home remedies for fair complexion) आज के फैशन वाले माहौल में लड़के और लड़कियां यही सोचते रहते हैं कि चेहरे को गोरा कैसे बनाया जाये। हमारे समाज में गोरे लोगों को अलग ही नजर से देखा जाता है, गोरे लोग ना सिर्फ देखने में सुन्दर दिखते हैं बल्कि हर इंसान उनसे प्रभावित भी जल्दी होता है। चेहरा गोरा हो तो पर्सनालिटी में खुद ही निखार आ जाता है और इससे आपका कॉन्फिडेंस लेवल भी बढ़ता है।दरअसल आजकल का जमाना है थोडा ज्यादा फैशन वाला, हर कोई व्यक्ति चाहता है कि वह सुन्दर दिखे और लोग उससे इम्प्रेस हों। इसीलिए हम लोगों को शुद्ध प्राकृतिक और आयुर्वेदिक तरीका अपनाने की सलाह देते हैं। नेचुरल चीजों से आप अपने चेहरे को बेहद गोरा और खिला खिला बना सकते हैं और सबसे खास बात तो यह है कि इन तरीकों का कोई साईड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है तो आज इस लेख में हम आपको कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताएँगे जिनका इस्तेमाल करके आप खुद को गोरा बना सकते हैं। संतरे के सूखे छिलके संतरा मौसमी फल है, खाने में बहुत टेस्टी और पौष्टिक भी होता है। संतरे खाकर उसके छिलकों को फेंकें नहीं बल्कि छिल