Posts

Showing posts from November, 2019

पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

Image
  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो

गुप्त रोग लाइलाज नहीं है, बल्कि इसका इलाज संभव है।

Image
गुप्त रोग लाइलाज नहीं है, बल्कि इसका इलाज संभव है। यदि किसी गुप्त रोग की आशंका मन में हो या खुद को सैक्स करने में सक्षम न समझें तो तुरंत किसी योग्य यौन रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। यकीनन गुप्त रोग का इलाज संभव है। सैक्स का जिक्र आते ही युवाओं के मन में एक विशेष प्रकार की सरसराहट होने लगती है। मन हसीन सपनों में खो जाता है, क्योंकि यह प्रक्रिया है, 2 जवां दिलों के आपसी मिलन / संबंध की  अकसर युवा जब स्त्री से यौन संबंध स्थापित करता है और वह जल्दी स्खलित हो जाता है, और युवा इसे अपनी शारीरिक कमजोरी या गुप्त रोग मान लेते हैं और उन्हें लगता है कि वे कभी शारीरिक संबंध स्थापित नहीं कर पाएंगे। बहुत से युवा अपने मन की बात किसी से संकोचवश कर नहीं पाते और हताशा का शिकार हो कर आत्महत्या तक कर लेते हैं। कुछ युवा नीम हकीमों के चक्कर में पड़ जाते हैं जो उन्हें पहले नामर्द ठहराते हैं और फिर शर्तिया इलाज की गारंटी दे कर लूटते रहते हैं। युवाओं को समझना चाहिए कि ऐसी समस्या मानसिक स्थिति के कारण उत्पन्न होती है। अतः युवाओं को यह बात अपने मन में भर लेनी चाहिए कि  ‘पहली रात में सैक्स न कर पाना अ

सर्दियों (Winter) के मौसम में त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखेंगे यह उपाय।

Image
सर्दियों (Winter) के मौसम में त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखेंगे यह उपाय। सर्दियों (Winter)  के मौसम में त्वचा को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसी स्थिति में त्वचा (Skin) को कोमल (Soft) बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए हम आपको बता रहे हैं,  सर्दियों (Winter)  में कैसे करें अपनी त्वचा (Skin) की देखभाल। साबुन की जगह मॉयश्चराइजिंग क्लींजर का प्रयोग करना चाहिए। ये त्वचा को रूखा नहीं होने देते और नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। सर्दियों (Winter)  के मौसम में देर तक नहाने से बचना चाहिए। साथ ही साबुन का प्रयोग बहुत कम करना चाहिए, और स्क्रब का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यदि त्वचा ज्यादा रूखी है तो साबुन रहित क्लींजर का प्रयोग करें। नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और नहाने का समय 10 मिनट से अधिक न रखें।  घरेलु उपाय सर्दियों (Winter) के मौसम में अपनी त्वचा (Skin) की देखभाल कुछ कुदरती चीजों के इस्तेमाल से भी कर सकते हैं। घरेलू उपायों से भी आपकी  त्वचा (Skin)  की सुंदरता  बरकरार रह सकती है। प्राकृतिक (Natural) क्लींजर (Face

सर्दियों के मौसम में स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय । Some easy home remedies to stay healthy and healthy during the winter season

Image
सर्दियों के मौसम में स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय । Some easy home remedies to stay healthy and healthy during the winter season. सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहने के उपाय और टिप्स- कुछ आसान घरेलू उपाय इस्तेमाल कर हम खुद को गर्म और स्‍वस्‍थ रख सकते हैं। इस बार की सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है और इसके साथ ही सर्दी-खांसी जुखाम और बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। अक्सर लोग बीमार होने के बाद अपने खानपान में बदलाव के बारे में सोचते हैं, जबकि बीमारी होने से पहले ही अगर हम मौसम के अनुसार योग्य आहार लेते हैं तो शरीर को सर्दियों में स्वस्थ और निरोगी रखा जा सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के नुस्खे- हमेशा कार्यशील रहें, पर्याप्त मात्रा में नींद पूरी करें और खानपान सही रखें। ठण्ड के मौसम में आप विभिन्न प्रकार के पोषक पदार्थ और जड़ी-बूटियों का सेवन करके अपने आप को सर्दियों में स्वास्थ्य और विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं। सर्दियों (Winter) में स्वस्थ रहने के लिए हमें ऐसे आहार की जरुरत होती है जो शरीर को गर्म रखे और हमारे immunity power को

खांसी (Cough) के घरेलू नुस्खे

Image
खांसी (Cough) के घरेलू नुस्खे शरीर में होने वाले विभिन्न रोगों के कारणों की प्रतिक्रिया खांसी है।सांस नली बन्द हो जाती है, जब हम सांस लेते हैं। और उसमें रुकावट पैदा होती है और छाती में सिकुड़न पैदा होकर हवा केे गुजरने में दबाव पैदा होता है। जब स्वरयंत्र खुल जाता है तो आराम मिलता है। स्वरयंत्र के बंद होने अथवा उसमें रुकावट पैदा होने के कारण धूल-मिट्टी, कीटाणु अथवा श्लेष्मा उत्पन्न होती है। खांसी का कारण सर्दी, जुकाम के अतिरिक्त गले और सांस की नलियों का संक्रमण, फेफड़े तथा दिल की बीमारियां भी हो सकती हैं। जब तक खांसी के मुख्य कारणों का सही ढंग से निदान न किया जाए, तब तक केवल खांसी के इलाज के लिए दवाएं पीने से विशेष लाभ नहीं होगा। इसलिए आवश्यक है कि पहले खांसी के मुख्य रोग का निदान किया जाए। खांसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। एक सूखी, जिसमें कफ निकलने में कठिनाई होती है, दूसरी बलगमी खांसी, परंतु एक तीसरे प्रकार की खांसी, “कुकुर खांसी”। सूखी खांसी में कफ निकलने में कठिनाई होती है। सूखी खांसी वास्तव में खांसी प्रारंभ होने का लक्षण है। बलगमी खांसी में थोड़ा खांसने के ब