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Showing posts from December, 2018

पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

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  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो

Health and Beauty संवारते हैं मिनिरल्स (Minerals)

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Health and Beauty संवारते हैं मिनिरल्स (Minerals) मिनिरल्स (Minerals) यानी खनिज तत्व शरीर को स्वस्थ, सुडौल और निरोग बनाए रखने में खासतौर पर मददगार हैं। Diet के रूप में समुचित मात्रा में इनका प्रयोग करने से अनगिनत बीमारियों से बचाव होता है और ताजगी-स्फूर्ति बरकरार रहती है। शरीर को रोगमुक्त और स्वस्थ रखने के लिए Diet में Protein, Fat, Carbohydrate, Vitamins आदि के साथ ही मिनिरल्स (Minerals) का संतुलित मात्रा में होना भी बेहद जरूरी है। विभिन्न प्रकार के मिनिरल्स (Minerals) रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखकर शरीर को अनगिनत रोग-विकारों से सुरक्षा प्रदान करते हैं, साथ ही इससे शरीर आकर्षक भी होता है। हमारे शरीर को रोगमुक्त, स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट बनाने वाले कुछ प्रमुख मिनिरल्स (Minerals) इस प्रकार हैं- आयरन (Iron) शरीर में आयरन (Iron) की कमी होने से रक्ताल्पता  (Anemia) के शिकार हो जाते हैं। आयरन (Iron) लाल रक्तकणों (Red blood cells) में  Hemoglobin बनाने के लिए बहुत जरूरी है । आयरन (Iron) की कमी से रक्त (Blood) की कमी होती है। फलों (Fruits) और हरे पत्ते वाली सब्जियों (Veget

चयनात्मक भोजन (Selective Food) से संवारें यौन स्वास्थ्य (Sexual Fitness)

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चयनात्मक भोजन (Selective Food) से संवारें यौन स्वास्थ्य  (Sexual Fitness) Sexual Performance को बेहतर बनाए रखने के लिए या फिर यूँ कहें कि Extra Sex Power के लिए आज कई प्रकार की नशीली दवाओं का प्रयोग धडल्ले से हो रहा है, जबकि ये सेहत और Sexual Fitness को बहुत नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए इनसे दूरी बनाए रखने में ही भलाई है। Sexual Fitness के लिए बेस्ट ऑप्शन है Selective Food हमारे इर्द-गिर्द कई ऐसे पदार्थ हैं, जो Sex Power बढ़ाकर Sexual Performance में सुधार लाते हैं, साथ ही कई प्रकार की Sexual Problems से भी स्थायी तौर पर निजात दिला देते हैं। खुशहाल Sex Life के लिए स्त्री-पुरुष दोनों का पूर्ण रूप से स्वस्थ होना जरूरी है, अन्यथा उनकी Sexual Desire पर भी बुरा असर पड़ता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आहार ही सबसे बेहतर औषधि है। पोषक आहार जहाँ शरीर को निरोग रखता है, वहीं Sexual Fitness को बेहतर बनाए रखने में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कई चुनिंदा पदार्थ स्त्री-पुरुष दोनों के लिए वाजीकरण का काम करते हैं और इनके सेवन से Sex Power में बढ़ोतरी होती है। इसलिए

कई बीमारियों का कारण है, यूरिक अम्ल (Uric Acid) का बढ़ना

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कई बीमारियों का कारण है यूरिक अम्ल (Uric Acid) का बढ़ना यूरिक अम्ल (Uric Acid) का लेवल बढ़ जाने पर कई तरह के रोग-विकार उत्पन्न होने लगते हैं, खासतौर पर जोड़ों का दर्द (Joint Pain), पीठ दर्द (Back Pain) आदि में इस प्रकार की स्थिति देखने को मिलती है। ऐसी दशा में खान-पान में परहेज के साथ-साथ तकलीफ ज्यादा होने पर उपचार का भी प्रबंध करना जरूरी है। रक्त में यूरिक अम्ल (Uric Acid) की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाने से ऊतकों व अस्थि की संधियों (जोड़ों) में सोडियम यूरेट जमा होने लगता है, जिससे जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है। यह दर्द सबसे पहले पैर के अंगूठे के प्रपद-अंगुलस्थि संधि (Metatarso Phailenjiyal Joint) से शुरू होता है। इसका आक्रमण सामान्यतया रात में होता है। इस समय रोगी असहनीय दर्द से बेचैन रहता है। ज्वर (Fiver) 101 स 104 डिग्री फारेनहाइट तक बढ़ जाता है। पैर के अंगूठे से शुरू होकर शरीर की अन्य संधियों पर भी इसका आक्रमण होने लगता है। जीभ पर लेप जैसा मैल जम जाता है, मूत्र का रंग बदल जाता है और मूत्र के नीचे तलछट Potassium के घोल में घुल जाती है। यह इसकी पहचान है। इस रोग का नाम

सबसे अच्छी दवा है संतुलित भोजन, The best medicine is balanced food

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सबसे अच्छी दवा है संतुलित भोजन, The best medicine is balanced food. प्रायः सभी प्रकार के रोग-विकारों का मुख्य कारण है भोजन में पोषक तत्वों की कमी। इसलिए यदि शरीर को हमेशा निरोग बनाए रखना हो, तो संतुलित भोजन से अच्छी दवा और कुछ भी नहीं है। संतुलित भोजन से वे सभी तत्व पर्याप्त मात्रा में मिल जाते हैं, जो शरीर को निरोग रखने के लिए अनिवार्य हैं। शरीर को हमेशा Healthy and  बनाए रखने के लिए भोजन की क्वालिटी सबसे ज्यादा मायने रखती है। विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित भोजन के अभाव में उत्तम स्वास्थ्य की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। संतुलित भोजन के प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं- • शरीर की पोषण संबंधी सारी जरूरतें भोजन द्वारा ही पूरी होती हैं। • शारीरिक (Temperature) को सामान्य बनाए रखना, शक्ति व सक्रियता को बनाए रखना तथा नयी कोशिकाओं (Cells) का निर्माण- ये कार्य भी भोजन के द्वारा ही होते हैं। • भोजन द्वारा मात्र नयी कोशिकाएं ही नहीं बनती, बल्कि पुरानी कोशिकाओं की मरम्मत भी होती है। • भोजन के अभाव में शरीर के अंदर रस, रक्त, शुक्र आदि सप्तधातुओं की कल्पना भी नहीं की जा सकती है

अनमोल पदार्थों से पाएं आरोग्य और दीर्घायु का तोहफा

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अनमोल पदार्थों से पाएं आरोग्य और दीर्घायु का तोहफा   अच्छी सेहत और लंबी उम्र का सबसे बेहतर राज है अच्छी खुराक। भोजन में कुछ चुनिंदा पदार्थों को महत्वता देने से कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है, शक्ति-स्फूर्ति बढ़ती है, बेवक्त बुढ़ापा नहीं आता और उम्र में भी बढ़ोतरी होती है। फल-सब्जियों और जड़ी-बूटियों के रूप में ऐसे कई अनमोल पदार्थ कुदरत ने हमको दिए हैं, जिनका इस्तेमाल करके अपनी सेहत और सौंदर्य को संवारा जा सकता है तथा उम्र में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। इसलिए दवाओं की बजाय इनका इस्तेमाल ही बेहतर होता है। अच्छी सेहत, चुस्ती-स्फूर्ति और लंबी उम्र की ख्वाहिश रखने वालों के लिए कुछ चुनिंदा अनमोल पदार्थ निम्नलिखित हैं- पालक (Spinach) एक कप पालक के रस के साथ एक कप गाजर का रस, आधा कप चुकंदर का रस और आधा कप सेब का रस मिलाकर सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा सब्जी, सूप आदि रूपों में भी पालक का सेवन फायदेमंद है। पालक में बीटा कैरोटिन नामक विटामिन पाया जाता है, जो शारीरिक विकास में सहायक होता है। मुनक्का (Crown) मुनक्के को दूध में उबालकर सेवन करने से शक्

बेस्ट फूड हैं ड्राई फ्रूट्स । मुनक्का, अंजीर, खजूर, अखरोट, बादाम

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बेस्ट फूड हैं ड्राई फ्रूट्स शरीर को हमेशा चुस्त-दुरूस्त और एनर्जी से भरपूर बनाए रखने के लिए ड्राई फ्रूट्स सबसे अच्छा नेचुरल सोर्स हैं। अपनी रुचि व पाचन क्षमता आदि का ध्यान रखते हुए इन्हें रोजाना अपने भोजन में सम्मिलित करने से कमजोरी दूर होती है, शरीर सुंदर-सुडौल बना रहता है, इम्यूनिटी बढ़ती है और यौवन बना रहता है। शरीर को स्वस्थ व आकर्षक बनाने के लिए सबसे बेहतर साधन है भोजन। सेहतमंद व खूबसूरत वही हो सकता है, जो अपने खान-पान पर पूरा ध्यान देता है। इसलिए डाइट की क्वालिटी को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। आज की भागदौड़ की जिंदगी में अकसर लोग पोषक तत्वों से भरपूर डाइट नहीं ले पाते, जिसका बुरा नतीजा सुस्ती, थकान, रोग-विकार, असमय बुढ़ापा आदि रूपों में भुगतना पड़ जाता है। ऐसी दशा में ड्राई फ्रूट्स पोषण की दृष्टि से एक बेहतर विकल्प साबित हो सकते हैं। डाइट में इन्हें शामिल करने से सेहत-सौंदर्य को संवारने में पूरी मदद मिलती है। मुनक्का मुनक्का एक प्रसिद्ध ड्राई फ्रूट्स है। इसकी तासीर गरम होती है। मुनक्का कई प्रकार के रोग-विकारों से बचाता है तथा शक्ति-स्फूर्ति बढ़ाता है।

नेफ्राइटिस को नजरअंदाज न करें । क्यों होता है नेफ्राइटिस? तथा इसके बचाव और उपचार

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नेफ्राइटिस को नजर अंदाज करने से हो सकती है गंभीर समस्या: नेफ्राइटिस को नजरअंदाज न करें । क्यों होता है नेफ्राइटिस? तथा इसके बचाव और उपचार: नेफ्राइटिस एक सीरियस किस्म का किडनी डिजीज है और यदि समय रहते इसे कन्ट्रोल न किया जाए, तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए एक ओर जहाँ नेफ्राइटिस से बचाव को लेकर सजग रहना जरूरी है, वहीं इस प्रकार की समस्या होने पर जितनी जल्दी हो सके, उपचार आदि का भी प्रबंध किया जाना चाहिए। हमारे शरीर में कई अंग हैं, जो मानव जीवन के लिए अति आवश्यक हैं। इन अंगों को वाइटल ऑर्गन कहा जाता है।ऐसा ही एक वाइटल ऑर्गन है किडनी और किडनी से संबंधित एक बीमारी है नेफ्राइटिस। किडनी में किसी भी प्रकार की सूजन, जिससे किडनी का काम-काज प्रभावित हो, नेफ्राइटिस कहलाती है। किडनी में लाखों की संख्या में नेफ्राॅन होते हैं और नेफ्राॅन एक ग्लोमेरूलाई व ट्यूब्यूल से मिलकर बनता है। ग्लोमेरूलाई एक छलनी जैसी संरचना है व इसकी क्रिया भी यही है। कभी-कभी किसी संक्रमण से, अन्य बीमारी की वजह से अथवा किसी विशेष दवा की वजह से किडनी की छानने की प्रक्रिया मंद पड़ जाती है- ग्लोमेरूलाई व

शरीर के ये 5 अंग अनमोल हैं, इनकी हिफाजत कीजिए

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हार्ट, ब्रेन, लंग्स, किडनी, और लीवर मानव का शरीर भी कुदरत की अनोखी कारीगरी की एक उत्तम मिसाल है। हमारे विभिन्न अंग-प्रत्यंग शरीर में एक-दूसरे का सहयोग करते हुए अनेक क्रियाओं का संचालन करते हैं। यूं तो मानव शरीर में अनेक अंग-प्रत्यंग व अवयव हैं जिनका अपना-अपना एक विशेष कार्य है, फिर भी इनमें से 5 प्रमुख अंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं- हार्ट (ह्रदय), ब्रेन (मस्तिष्क), लंग्स (फेफड़े), किडनी (गुर्दे), और लीवर (यकृत)। इन पाँचों अंगों का सुचारू रूप से कार्य करना बेहद जरूरी है, अन्यथा जीवन खतरे में पड़ने की सम्भावना बढ़ जाती है। 1. ह्रदय (Heart)  ह्रदय (Heart)  मानव शरीर का चालक है। यह पूरे शरीर में रक्त का संचालन करता है तथा शरीर के प्रत्येक अवयव व अंग को शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचाता है। लगातार कार्य करते रहने वाला अंग ह्रदय (Heart) यदि रोग ग्रस्त होता है, तो अन्य कई अंगों, जैसे गुर्दे, फेफड़े आदि की क्रिया भी प्रभावित हो जाती है। ह्रदय (Heart) को हमेशा तंदरुस्त व एक्टिव बनाए रखने के लिए कुछ उपयोगी सुझाव इस प्रकार हैं-  सुबह में जल्दी उठें और रोजाना कम से कम 20 मिनट तक व्यायाम करें,