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लिंग में वृद्धि करने के लिए कुछ सामान्य घरेलू उपाय: (Some common home remedies to enlarge penis.)

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 लिंग में वृद्धि करने के लिए कुछ सामान्य घरेलू उपाय: (Some common home remedies to enlarge penis.) 1. व्यायाम और स्ट्रेचिंग:  कुछ व्यायाम और स्ट्रेचिंग तकनीकें लिंग के आकार और कार्य में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। जेलीग्रैब, केगल व्यायाम, और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कुछ उदाहरण हैं। 2. आहार और पोषण:  संतुलित आहार और उचित पोषण सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ पूरक जैसे विटामिन, मिनरल्स, और हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन भी लाभकारी हो सकता है, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। 3. डिवाइस और उपकरण:  कुछ डिवाइस जैसे एक्सटेंडर और वैक्यूम पंप का उपयोग लिंग वृद्धि के लिए किया जाता है। इनका उपयोग सावधानी से और निर्देशों के अनुसार करना चाहिए। 4. तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य:  तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का लिंग स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। योग, ध्यान, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकें सहायक हो सकती हैं। 5. स्वच्छता और स्वास्थ्य:  लिंग की स्वच्छता बनाए रखना और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना भी महत्वपूर्ण है। नोट: किसी भी नए उपाय या उपचार को अपनाने स...

पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

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  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो ...

स्त्रियों की योनि से संबंधित अनेक रोग तथा उनका घरेलू विधि से उपचार (Many diseases related to women's vagina and their treatment with home remedies)

 स्त्रियों की योनि से संबंधित अनेक रोग तथा उनका घरेलू विधि से उपचार (Many diseases related to women's vagina and their treatment with home remedies) योनि - कपाट शोथ (VULVITIS), योनि - कपाट की खुजली (VULVA PRURITIS), योनि कपाट की फुन्सियाँ (VULVAR PIMPLES), योनिद्वार की रसूली (PUDENDAL CONDYLOMA), योनि - शोथ (VAGINITIS), योनि की खुजली (VULVA PRURITIS), योनि के घाव (ULCERS OF VAGINA), योनि का नासूर (VAGINAL FISTULA),  योनि - कपाट शोथ (VULVITIS) रोग परिचय, कारण एवं लक्षण:- इस रोग में स्त्रियों की योनि के (योनिद्वार) और उस के दोनों ओर के ओष्ठों में सूजन हो जाती है। इसके मुख्य कारण- मैला कुचैला रहना, पाचन क्रिया की गड़बड़ी, बाहरी खुजली, मधुमेह रोग, श्वेत प्रदर, खून पतला हो जाना, सुजाक प्रथम बार संभोग क्रिया एवं प्रसूति पीड़ा के कष्ट आदि होते हैं। इसके लक्षणों में योनि कपाट और दोनों ओर के ओष्ठों में सूजन होकर दर्द होता है। शोथ के अधिक तीव्र होने पर स्त्री को ज्वर भी हो सकता है, यदि यह कष्ट सुजाक के कारण हो तो ओष्ठों के अन्दर 'बारथोलिन' ग्रन्थियाँ भी सूज जाती हैं, आस-पास का चर्...

स्तनों का छोटा व ढीला हो जाना (Small and loose breasts.), स्तन का घाव (Breast sore), स्तनों में दुग्ध की अधिकता (Excess of milk in the breasts.), स्तनों में दुग्ध का घट जाना (loss of milk in breasts), स्तनों में दुग्ध रुक जाना (Engorgement of milk in the breasts)

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 स्त्री गुप्त रोगों की चिकित्सा स्तनों का छोटा व ढीला हो जाना (Small and loose breasts.), स्तन का घाव (Breast sore), स्तनों में दुग्ध की अधिकता (Excess of milk in the breasts.), स्तनों में दुग्ध का घट जाना (loss of milk in breasts), स्तनों में दुग्ध रुक जाना (Engorgement of milk in the breasts) 1. स्तनों का छोटा हो जाना (Reduction of breasts) रोग परिचय, कारण एवं लक्षण:- इस रोग में स्त्री के स्तन साधारण अवस्था से भी छोटे हो जाया करते हैं, उनका उभार ही नहीं रहता है। दूध उत्पादन की क्षमता में भी कमी हो जाया करती है। इस रोग के कारण स्त्री-सौन्दर्य भी फीका पड़ जाया करता है। इसका मुख्य कारण शारीरिक कमजोरी, रक्त विकार, दुबलापन, स्तनों के पालन, पोषण हेतु उचित मात्रा में रक्त का न पहुँचना, स्तनों से रक्त में जाने वाली नसों में सुद्दे पड़ जाना, हारमोन सम्बन्धी विकार तथा स्त्री गुप्तांग जन्मजात खराबी होना इत्यादि हैं। उपचार:- जैतून का विशुद्ध तैल स्तनों पर हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें। इस क्रिया से स्तन की मांसपेशियां पुष्ट हो जाती हैं, स्तन क्षेत्र का रक्त संचार बढ़कर स्नायु को बल म...

योनि का तंग या बिल्कुल बन्द हो जाना (Tight or complete closure of the vagina.)

 योनि का तंग या बिल्कुल बन्द हो जाना (Tight or complete closure of the vagina.) रोग परिचय, कारण एवं लक्षण:- स्त्रियों का यह रोग कई प्रकार का होता है। यदि योनि बिल्कुल बन्द हो या इतनी अधिक संकुचित हो जाये कि सम्भोग क्रिया ही सम्पन्न न हो सके तो इसको अंग्रेजी में 'एटोसिया ऑफ वैजाइना' कहा जाता है। यदि मैथुन क्रिया में कष्ट हो तो इसे 'वैजाइनिसमस' कहा जाता है। इसके दो कारण होते हैं।  (1) जन्म से ही योनि का बन्द होना या न होना:- योनि मात्र पतली सी एक नाली होती है जिस से मासिक आया करता है तथा सम्भोग क्रिया सम्पन्न होती है और बच्चों की पैदाइश (जन्म) होता है। गर्भाशय के मुख के निकट या योनि के मध्य में कोई आप्राकृतिक मांस या मस्सा उत्पन्न होने से योनि में रुकावट पैदा हो जाती है। प्रायः ऐसा होता है कि कुमारी पर्दा (Hymen) हाइमन बहुत अधिक मोटा और बिना छेद के होता है। जिसके कारण योनि का मुख बन्द रहता है। ऐसी परिस्थिति में मासिक धर्म के समय गर्भाशय में उदरशूल जैसा दर्द उठा करता है, जो पेट पर हाथ दबाने से बढ़ जाया करता है। जब गर्भाशय में अधिक मात्रा में रक्त एकत्र हो जाया करता है तो...

सर्दियों (Winter) के मौसम में त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखेंगे यह उपाय।

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सर्दियों (Winter) के मौसम में त्वचा की खूबसूरती को बरकरार रखेंगे यह उपाय। सर्दियों (Winter)  के मौसम में त्वचा को कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। ऐसी स्थिति में त्वचा (Skin) को कोमल (Soft) बनाए रखने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए हम आपको बता रहे हैं,  सर्दियों (Winter)  में कैसे करें अपनी त्वचा (Skin) की देखभाल। साबुन की जगह मॉयश्चराइजिंग क्लींजर का प्रयोग करना चाहिए। ये त्वचा को रूखा नहीं होने देते और नुकसान भी नहीं पहुंचाते हैं। सर्दियों (Winter)  के मौसम में देर तक नहाने से बचना चाहिए। साथ ही साबुन का प्रयोग बहुत कम करना चाहिए, और स्क्रब का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। यदि त्वचा ज्यादा रूखी है तो साबुन रहित क्लींजर का प्रयोग करें। नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और नहाने का समय 10 मिनट से अधिक न रखें।  घरेलु उपाय सर्दियों (Winter) के मौसम में अपनी त्वचा (Skin) की देखभाल कुछ कुदरती चीजों के इस्तेमाल से भी कर सकते हैं। घरेलू उपायों से भी आपकी  त्वचा (Skin)  की सुंदरता  बरकरार रह स...

सर्दियों के मौसम में स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय । Some easy home remedies to stay healthy and healthy during the winter season

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सर्दियों के मौसम में स्वस्थ और निरोगी रहने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय । Some easy home remedies to stay healthy and healthy during the winter season. सर्दियों में स्‍वस्‍थ रहने के उपाय और टिप्स- कुछ आसान घरेलू उपाय इस्तेमाल कर हम खुद को गर्म और स्‍वस्‍थ रख सकते हैं। इस बार की सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है और इसके साथ ही सर्दी-खांसी जुखाम और बुखार के मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। अक्सर लोग बीमार होने के बाद अपने खानपान में बदलाव के बारे में सोचते हैं, जबकि बीमारी होने से पहले ही अगर हम मौसम के अनुसार योग्य आहार लेते हैं तो शरीर को सर्दियों में स्वस्थ और निरोगी रखा जा सकता है। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के नुस्खे- हमेशा कार्यशील रहें, पर्याप्त मात्रा में नींद पूरी करें और खानपान सही रखें। ठण्ड के मौसम में आप विभिन्न प्रकार के पोषक पदार्थ और जड़ी-बूटियों का सेवन करके अपने आप को सर्दियों में स्वास्थ्य और विभिन्न प्रकार के वायरल संक्रमण से बचा सकते हैं। सर्दियों (Winter) में स्वस्थ रहने के लिए हमें ऐसे आहार की जरुरत होती है जो शरीर को गर्म रखे और हमारे immunity...

सौंदर्यवर्धक घरेलू नुस्खे (Beauty home remedies)

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सौंदर्यवर्धक घरेलू नुस्खे (Beauty home remedies) दोस्तो आज की इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोंगों को अपनी सेहत और सुन्दरता का ख्याल ही नहीं रहता तथा यही कारण है कि आपके चेहरे की चमक फीकी पड़ती नज़र आ रही है आपको इस चीज का ध्यान ही नहीं रहता कि हम अपनी इस विजी लाईफ के कारण अपने चेहरे और स्वास्थ्य की तरफ ध्यान ही नहीं दे पा रहे हैं, तो दोस्तो अपनी इस विजी लाईफ से थोड़ा समय अपने स्वास्थ्य के लिए भी निकालिए और हमारे द्वारा बताये गये नुस्खों को इस्तेमाल करके अपनी सुन्दरता को कायम रख सकते हैं। भृंगराज खूब कूट-पीसकर बारीक बनाया हुआ चूर्ण और काले तिल (साबूत) दोनों को समान मात्रा में लेकर रख लें। नित्य सूर्योदय के समय मुंह शुद्धि के पश्चात इस मिश्रण को एक चम्मच की मात्रा में खूब चबाकर खाएं और ऊपर से ताजा जल पी लें। लगातार 6 मास तक इस प्रयोग के करने से समय से पहले बालों का पकना और झड़ने की शिकायतों से छुटकारा मिल जाता है। साथ ही केश काले, घने, लंबे, मजबूत और चमकदार बने रहते हैं (यह 40 साल तक की आयु वाले व्यक्तियों के लिए अत्यंत ही सफल व अनुभूत प्रयोग है।) अथवा भृंगराज सूखा, काले तिल, स...

Health and Beauty संवारते हैं मिनिरल्स (Minerals)

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Health and Beauty संवारते हैं मिनिरल्स (Minerals) मिनिरल्स (Minerals) यानी खनिज तत्व शरीर को स्वस्थ, सुडौल और निरोग बनाए रखने में खासतौर पर मददगार हैं। Diet के रूप में समुचित मात्रा में इनका प्रयोग करने से अनगिनत बीमारियों से बचाव होता है और ताजगी-स्फूर्ति बरकरार रहती है। शरीर को रोगमुक्त और स्वस्थ रखने के लिए Diet में Protein, Fat, Carbohydrate, Vitamins आदि के साथ ही मिनिरल्स (Minerals) का संतुलित मात्रा में होना भी बेहद जरूरी है। विभिन्न प्रकार के मिनिरल्स (Minerals) रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखकर शरीर को अनगिनत रोग-विकारों से सुरक्षा प्रदान करते हैं, साथ ही इससे शरीर आकर्षक भी होता है। हमारे शरीर को रोगमुक्त, स्वस्थ और हृष्ट-पुष्ट बनाने वाले कुछ प्रमुख मिनिरल्स (Minerals) इस प्रकार हैं- आयरन (Iron) शरीर में आयरन (Iron) की कमी होने से रक्ताल्पता  (Anemia) के शिकार हो जाते हैं। आयरन (Iron) लाल रक्तकणों (Red blood cells) में  Hemoglobin बनाने के लिए बहुत जरूरी है । आयरन (Iron) की कमी से रक्त (Blood) की कमी होती है। फलों (Fruits) और हरे पत्ते वाली सब्जिय...

सर्दियों में कैसे रहें खूबसूरत

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सर्दियों के मौसम में भी आप कैसे दिखें हुस्न की मलिका आइए जानते हैं। सर्दियों में हमारी त्वचा को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि जाड़ों में चलने वाली ठंडी हवा के झोकें सौन्दर्य पर काफी असर डालते हैं। इन दिनों त्वचा शुष्क हो जाती है। अगर आप चाहती हैं कि सर्दियों में भी आपकी खूबसूरती निखरी रहे तो, इसके लिए बस जरूरत है थोड़ी सी देखभाल की।  खूबसूरती को बरकरार रखना हर स्त्री चाहती है, फिर चाहे जाड़ा हो या गर्मी, मगर जाड़े के दिनों में खूबसूरती को बरकरार रखना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि त्वचा इतनी रूखी व बेजान हो जाती है कि क्रीम लगाने के बाद भी लगता है कि त्वचा रूखी है। इस मौसम में अगर थोड़ा-सा समय निकाल कर अपनी त्वचा की तरफ ध्यान दें, तो खोए हुए सौंदर्य को वापस ला सकते हैं। सर्दियों के मौसम में भी आप कैसे दिखें हुस्न की मलिका आइए जानते हैं। तो पेश हैं सर्दियों में खूबसूरत बने रहने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे। कैसे त्वचा को कोमल बनायें- संपूर्ण त्वचा की देखभाल के लिए स्नान करने के आधे घंटे पहले गुन-गुने सरसों के तेल से पूरे शरीर पर मालिश कर ले और फिर कुनकुने पानी से ...