पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

Image
  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो

जूस थेरेपी द्वारा शरीर में होने वाले लाभ और हानि । Advantages and disadvantages of body through juice therapy.

Juice Therapy रस चिकित्सा

जूस थेरेपी द्वारा शरीर में होने वाले लाभ और हानि । Advantages and disadvantages of body through juice therapy.


जूस थेरेपी, Juice therapy शरीर  के शुद्धिकरण, रोग मुक्ति और शक्ति स्फूर्ति व रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी के लिए जूस थेरेपी, Juice therapy बेजोड़ है। विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में यह प्राकृतिक उपचार अपनाने से कायाकल्प हो जाता है।


दोस्तो आइये जाने कुछ चुनिंदा फल-सब्जियों द्वारा जूस थेरेपी, Juice therapy के वारे में और उनसे क्या-क्या लाभ और हानि हो सकती है कैसे इसका सेवन करें :

फल-सब्जियों के रस (Juice) या रसाहार द्वारा चिकित्सा प्रायः सभी रोगों में उपयोगी हो सकती है। लेकिन इसका प्रयोग किस रूप में किसको करना चाहिए, इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य जुड़े होते हैं। रसों का प्रयोग कब करें और कब नहीं करना चाहिए यह भी जानना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि विभिन्न रसों के गुण धर्म जानना।
       रस या Juice का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायी है यह तो सभी जानते हैं, लेकिन साथ ही यह भी जानना जरूरी है कि Juice नुकसानदेह भी हो सकता है। जैसे सूर्यास्त के बाद या रात में फलों का Juice लेना हानिकारक हो सकता है। भोजन करने के तुरंत पहले या तुरंत बाद भी Juice लेना हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे पाचन क्रिया बिगड़ती है। खट्टे फलों या सब्जियों के रस के साथ दूध का प्रयोग हानिकारक होता है। इसके अलावा फल-सब्जियों का रस निकालकर फ्रीज में रखकर कुछ घंटों बाद प्रयोग करने से भी लाभ की बजाय हानि हो सकती है। अतः जूस थेरेपी, Juice therapy का लाभ पाने के लिए इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
       जूस थेरेपी, Juice therapy के अंतर्गत प्रयोग में लाए जाने वाले कुछ प्रमुख फल-सब्जियों के रस तथा उन से होने वाले लाभ और हानि इस प्रकार हैं-

पालक का रस (Spinach juice)


पालक का Juice विटामिन 'ए', 'बी2', 'सी', 'ई' व 'के' और आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, फाॅस्फोरस, जिंक, सेलेनियम, काॅपर, फोलेट, प्रोटीन व फाइबर तथा फ्लेवोनाइड्स व कैरोटीनाइड्स से भरपूर फाइटोन्यूट्रीएंट से पूर्ण उत्तम पदार्थ है।
लाभ:
  1. पालक में क्लोरोफिल रहता है, जो कोलन व लीवर से विषाक्त तत्व (टाॅक्सिंस) निकालने में मददगार है।
  2. जीवाणुरोधी व एंटीइंफ्लामेट्री गुण होने से डिटाॅक्सीफाई करने में समर्थ है।
  3. आयरन से भरपूर होने से एनीमिया दूर करता है।
  4. एंटीऑक्सीडेंट गुणों से युक्त विटामिन 'सी' व बीटा कैरोटीन से भरपूर है। मैग्नीशियम, पोटेशियम व फोलेट आदि के कारण ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है।
  5. कैंसर का खतरा कम करता है। ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार आंशिक रूप से पके हुए मांस में पाए जाने वाले कार्सिनोजेन (कैंसर कारक तत्व) के हानिकारक प्रभाव को कम करता है।
  6. एंटीइंफ्लामेट्री है। अल्फा लिनोलेनिक एसिड के कारण जलन, सूजन, गठिया व अस्थमा में लाभदायी है।
  7. बढ़े हुए ब्लडप्रेशर को कम करता है।
  8. आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक है।
  9. हड्डियों को मजबूती देता है ऑस्टियोपोरोसिस व ऑस्टियो आर्थराइटिस में लाभदायी है।
सावधानी
  • ज्यादा मात्रा में प्रयोग शरीर की खनिज अवशोषण क्षमता (मिनिरल्स का शरीर में अवशोषण) को कम कर सकता है।
  • एसिडिटी, जी घबराना, मुंह में बार-बार पानी आना आदि लक्षण मिल सकते हैं।
  • ज्यादा मात्रा में लेना दर्द (पेट दर्द), सूजन व दस्त का कारण बन सकता है।
  • गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) की शिकायत हो सकती है।
  • रक्त पतला करने की दवा ले रहे हों, तो चिकित्सक से सलाह लिए बिना प्रयोग न करें।
  • गाॅलब्लैडर स्टोन वालों के लिए इसका प्रयोग नुकसानदेह हो सकता है।

गाजर का रस (Carrot juice)


गाजर का Juice बायोटिन, मोलिब्डेनम, डाइट फाइबर, पोटेशियम, विटामिन 'के', 'बी1', 'बी6', 'सी', व 'ई', मैंगनीज़, नियासिन, पेंथोथेनिक एसिड, फोलेट, फाॅस्फोरस, काॅपर आदि से भरपूर है।
लाभ:
  1. विटामिन 'ए' व बीटा कैरोटीन का बहुत अच्छा स्रोत है। 
  2. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। ह्रदय रोग व स्ट्रोक का खतरा कम करता है।
  3. इसमें मौजूद कैरोटीनाइड्स एंटी-कैंसर एजेंट की तरह कार्य करता है और मूत्राशय, प्रोस्टेट, कोलन व ब्रेस्ट कैंसर को कम करता है।
  4. हड्डियां मजबूत बनाने में मदद करता है।
  5. लिवर व कोलन से टाॅक्सिंस बाहर निकालने में मददगार है।
  6. संक्रमण (इंफेक्शन) को रोकता है। खांसी, जुकाम, फ्लू, ब्रोंकाइटिस, खसरा, घाव, अल्सर आदि से बचाव करता है।
  7. आंतों में जमा गैस को निकालता है।
  8. माहवारी के दर्द को कम करता है तथा इससे मेंस्टुअल ब्लीडिंग खुलकर साफ होती है।
  9. आंखों की रोशनी बढाता है, मसूड़े मजबूत होते हैं तथा मसल्स बनाने में मदद करता है।
  10. गर्भावस्था में भ्रूण के विकास में सहायक है और स्तनपान काल में दूध बढाता है।
  11. चयापचय क्रिया (मेटाबाॅलिक रेट) में सुधार करता है।
  12. तनाव व अवसाद (डिप्रेशन) को कम करने में मदद करता है।
  13. एनर्जी देकर थकान कम करता है।
  14. त्वचा में निखार लाता है। मुहासे दूर करता है।
  15. एजिंग फैक्टर स्लो करता है। झुर्रियों से बचाव करता है।
  16. बालों को बढ़ाता है।
  17. पाचन संस्थान में सुधार करता है।
सावधानी 
  • हल्का रेचक प्रभाव होने से दस्त के रोगी न लें।
  • पैंक्रियाज संबंधी रोगों में प्रयोग न करें, क्योंकि यह पैंक्रियाज की क्रिया में बाधक हो सकता है।
  • ज्यादा मात्रा में लेने पर मधुमेह में नुकसानदेह है।
  • ज्यादा मात्रा में पीने से (लगातार सेवन से) शरीर का रंग फीका पड़ जाता है।
  • ज्यादा मात्रा में सेवन से स्तन के दूध का स्वाद बदल जाता है।
  • यदि गाजर से एलर्जी हो, तो गाजर के Juice का प्रयोग न करें।

आंवले का रस (Amla juice)


आंवला अमृत के समान गुणकारी है। इसका स्वाद कुछ कसैला व कड़वा होता है। आंवले का Juice एंटीऑक्सीडेंट व विटामिन 'सी' से भरपूर होता है।
लाभ:
  1. जुकाम, खांसी, फ्लू व मुंह के छाले आदि में लाभदायी है।
  2. एल.डी.एल. कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी काठिन्य) दूर करता है।
  3. मधुमेह में ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है।
  4. अस्थमा व श्वसन संस्थान के संक्रमण को दूर करता है।
  5. पाचन संस्थान की क्रिया में सुधार करता है।
  6. रोजाना सेवन से युवावस्था बरकरार रहती है, रसायन गुण होने से बुढ़ापा नहीं आता।
  7. त्वचा संबंधी रोग दूर होते हैं और त्वचा की कांति (चमक) बढ़ती है।
  8. हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है, ह्रदय को स्वस्थ रखता है।
  9. स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
  10. कैंसर के इलाज में सहायक है। एंटीऑक्सीडेंट के कारण विषाक्त तत्वों को बाहर निकालता है।
  11. बालों के रोग दूर करता है और बाल काले, घने, लंबे व चमकदार होते हैं। आंवला लगाने से भी बाल काले, घने, चमकदार व मुलायम होते हैं।
  12. मेटाबाॅलिज्म में सुधार करता है। इसमें मौजूद विटामिन 'सी', ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में ऊर्जा बढ़ाते हैं।
  13. फैट बर्न होकर मोटापा कम होता है।
  14. ब्लड प्यूरीफायर भी है। हीमोग्लोबिन व आर.बी.सी. का निर्माण करता है। चेहरे पर ग्लो आता है और मुहासे दूर होकर चेहरा आकर्षक हो जाता है।
  15. हड्डियां मजबूत होती हैं।
  16. कब्ज व बवासीर दूर होते हैं।
  17. आंखों की रोशनी बढ़ती है।
सावधानी 
  • वैसे तो आंवला निरापद (दुष्प्रभावरहित) होता है, फिर भी ज्यादा मात्रा में इसका रस लेने से पेट में गैस बनना, गुड़गुड़ाहट और भूख में कमी होती है।
  • एसिडिटी व अजीर्ण हो, तो ज्यादा मात्रा में लेने से परेशानी बढ़ जाती है।
  • लगातार ज्यादा मात्रा में लेने से जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।

टमाटर का रस (Tomato juice)


टमाटर का Juice पाचन में सुधार करता है, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करता है, सूजन कम करता है, यूरिन इंफेक्शन दूर करता है, मधुमेह व त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभदायी है और शरीर से टाॅक्सिंस बाहर निकालता है। एंटीऑक्सीडेंट होने से यह कैंसर को रोकता है और काॅर्डियोवास्कुलर डिजीज से बचाव करता है। यह विटामिन 'ए', 'सी' व 'के' तथा फोलेट, पोटेशियम, नियासिन, विटामिन 'बी6', मैग्नीशियम व फाॅस्फोरस का अच्छा स्रोत है। इसमें सोडियम, सैचुरेटेड फैट, कोलेस्ट्रॉल व कैलोरी कम होती है।
लाभ:
  1. टमाटर का रस पीने व त्वचा पर लगाने से यू.वी. रेज (अल्ट्रावायलेट किरणों) से बचाव करता है।
  2. झुर्रियां दूर होती हैं, बड़े रोम छिद्रों को कम करता है तथा मुहासों, दाग-धब्बों व झांइयों की समस्या में लाभदायी है।
  3. विटामिन 'के' व कैल्शियम होने से हड्डियां मजबूत होती हैं तथा ऑस्टियोपोरोसिस में लाभ मिलता है।
  4. दृष्टि (आंखों की रोशनी) में सुधार होता है। विटामिन 'ए' मैक्युलर डीजेनरेशन के जोखिम को कम करने में मदद करता है। मोतियाबिंद का खतरा भी कम होता है।
  5. बालों का रूखापन, बाल बेजान व क्षतिग्रस्त होना आदि समस्याएं दूर करके बालों को नया जीवन प्रदान करता है। इसके लिए टमाटर का Juice पीना व लगाना चाहिए।
  6. मधुमेह में लाभदायी है। क्रोमियम का बहुत अच्छा स्रोत है, जो ब्लड शुगर व फाइबर को नियंत्रित करता है। 
  7. कैंसर से बचाव करता है। राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह तथ्य सामने आया है कि टमाटर खाने से प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो जाता है। टमाटर में मौजूद लाइकोपेन नामक एंटीऑक्सीडेंट लंग्स, एब्डोमेन, माउथ, इसोफेगस, गले व कोलन, रेक्टम और ओवेरियन कैंसर का रिस्क कम करता है।
  8. मोटापा कम करता है। कोलेस्ट्रॉल कम करता है। फैट जीरो लेवल पर रहने और पानी व फाइबर ज्यादा होने से कैलोरी बर्न करने में मदद करता है।
  9. अनिद्रा (नींद न आना) में लाभदायी है।
  10. हाई ब्लडप्रेशर में लाभदायी है। हाई पोटेशियम होने से दैनिक आवश्यकता की 11.4 प्रतिशत की आपूर्ति टमाटर से हो जाती है।
  11. सूजन कम करता है।
 सावधानी
  • लाइकोपेन फाइटो केमिकल का अत्यधिक सेवन इम्यून सिस्टम की नियमित गतिविधियों में हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे शरीर माइक्रोबियल (बैक्टीरियल, फंगल, वायरल) बीमारियों से खुद को बचाने की क्षमता खो देता है।
  • अनेक प्रकार के अम्लों की मौजूदगी होने के कारण ज्यादा मात्रा में सेवन से गेस्ट्रोइंटास्टाइनल डिजीज को बढ़ा सकता है और आई.बी.एस. (इरिटेटिंग बाउल सिंड्रोम) भी हो सकता है।

लौकी का रस (Gourd juice)


लौकी का रस विटामिन, पोटेशियम, आयरन, पानी व फाइबर से परिपूर्ण होता है।
लाभ:
  1. लौकी में मौजूद पोषक तत्व मेटाबाॅलिक रेट को बढ़ाता है और पाचन तंत्र में सुधार करता है। कुछ दिनों के प्रयोग से वजन घटना शुरू हो जाता है।
  2. हाई ब्लडप्रेशर, अनियमित ह्रदय गति, दिल का दौरा आदि समस्याओं से निजात दिलाता है। इसमें पोटेशियम नेचुरल वासोडाइलेटर का कार्य करता है। छोटी ब्लड वेसल्स को फैलाता है और हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
  3. मूत्र में जलन, यूरिन एसिडिक होना, यूरिन इंफेक्शन आदि समस्याओं को दूर करता है।
  4. ह्रदय रोग में हितकारी है। इसमें विटामिन 'सी' व 'के' और कैल्शियम प्रचुर मात्रा में होता है। 90 दिनों तक रोजाना खाली पेट 200 मि ली ताजा लौकी का रस पीने से कोलेस्ट्रॉल घट जाता है।
  5. तनाव (स्ट्रेस) दूर करता है। डाइयूरेटिक, सेडेटिव व एंटीबिलियस गुणों के होने से शरीर व मन तनावमुक्त महसूस करता है।
  6. बालों के लिए लाभदायी है। लौकी का रस पीने व लगाने से बालों का नार्मल टेक्स्चर बना रहता है।
  7. पाचन में सुधार करता है। इलेक्ट्रोलाइट को नियंत्रित करता है। बाउल मूवमेंट में सुधार करके गैस्ट्रिक, पेट फूलना, सूजन आदि शिकायतें दूर करता है।
  8. त्वचा की टैनिंग दूर करता है। मुहासे व दाग-धब्बे दूर होते हैं।
  9. मिरगी व तंत्रिका तंत्र संबंधी रोगों में लाभदायी है।
  10. अपच, एसिडिटी व अल्सर में लाभदायी है।
  11. लैक्टिंस व प्रोटीन की मौजूदगी होने से कैंसर सेल्स पनपने नहीं देता है।
  12. गर्भवती महिलाओं के लिए और ऑस्टियोपोरोसिस में लाभदायी है।
  13. अनिद्रा (नींद न आना) की शिकायत दूर करता है।
  14. लिवर की सूजन दूर करता है।
सावधानी 
  • यदि लौकी कड़वी हो और इसका जूस लिया जाए, तो पेट में गैस बनना, जी घबराना, उल्टी आदि कष्ट परेशान कर सकते हैं।
  • कड़वी लौकी के रस से महिलाओं में गर्भपात भी हो सकता है।
  • थोड़ी देर तक फ्रीज में पड़ा रहने के बाद पीने से गैस्ट्रिक, उल्टी, एसिडिटी, अफरा आदि लक्षण मिल सकते हैं।

एलोवेरा का रस (Aloe vera juice)


एलोवेरा को घृतकुमारी व ग्वारपाठा भी कहा जाता है। एलोवेरा के पत्तों के गूदे (जैल) में विटामिन 'ए', 'बी1', 'बी2', 'बी6', 'बी12', 'सी' व 'ई' और फोलिक एसिड तथा काॅपर, आयरन, सोडियम, कैल्शियम, जिंक, पोटेशियम, क्रोमियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज़ आदि मिलते हैं। यह एक चमत्कारी औषधि है।


लाभ:
  1. बाउल मूवमेंट में सुधार करके कब्ज दूर करता है।
  2. रेचक (लेक्सेटिव) होने से विषाक्त तत्वों को शरीर से बाहर निकालकर मेटाबाॅलिक रेट में सुधार करके मोटापा दूर करता है।
  3. सूजन व दर्द दूर करता है, अतः गठिया में लाभदायी है।
  4. लगातार प्रयोग से शुगर लेवल को नियंत्रित करता है। लिवर, किडनी व अन्य अंगों को डैमेज से बचाव करता है, जो मधुमेह के कारण होती है।
  5. कोलेस्ट्रॉल लेवल 30 प्रतिशत तक कम कर देता है।
  6. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। नियमित रूप से प्रयोग बैक्टीरियल व वायरल संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है।
  7. त्वचा पर बाह्य प्रयोग से और ऐलोवेरा का रस पीने से स्किन हाइड्रेट होती है। धूप से होने वाली टैनिंग, इंफेक्शन, जले का निशान, स्किन इंफेक्शन, एलर्जी आदि ठीक करता है।
  8. मुहासे ठीक होते हैं।
  9. बालों को काला, घना व चमकदार बनाता है।
सावधानी 
  • इतना लाभदायी होने के बावजूद सभी को एलोवेरा से लाभ नहीं मिल सकता, बल्कि कई बार इसका प्रयोग हानिकारक भी हो सकता है। कुछ दवाओं के साथ यह प्रतिकूल प्रभाव डालता है, अतः डाॅक्टर की सलाह से ही इसका प्रयोग करना चाहिए।
  • इसमें एंथ्राक्युनोन नामक तत्व होता है, जो रेचक होता है। पित्त प्रकृति वालों को अनुकूल नहीं रहता। ज्यादा मात्रा में लेने से ऐंठन, डिहाइड्रेशन व दस्त जैसे कष्ट परेशान कर सकते हैं।
  • गर्भवती को देने पर गर्भस्राव या गर्भपात हो सकता है अथवा गर्भस्थ शिशु में विकार हो सकते हैं।
  • ज्यादा मात्रा में प्रयोग से एड्रेनालाइन की मात्रा बढ़ सकती है, जो पोटेशियम की मात्रा कम करके ह्रदय गति को अनियमित कर सकती है। ह्रदय रोग में लेने से घातक परिणाम भुगतना पड़ सकता है।
  • बच्चों व बुजुर्गों को नहीं लेना चाहिए।
  • ज्यादा मात्रा में लेने से पेल्विक रीजन में रक्त की अधिकता होकर किडनी डैमेज हो सकती है।

करेले का रस (Bitter gourd juice)


करेले का रस मधुमेह, बवासीर, श्वास रोग व त्वक् विकारों में लाभदायी है। सूजन कम करना इसका विशेष गुण है। यह एंटीफंगल, एंटीबायोटिक, एंटी-एलर्जिक, एंटी-वायरल व एंटी-पेरासेटिक गुणों से भरपूर है। करेले का रस प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, आयरन, फाॅस्फोरस, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, फोलेट, विटामिन 'ए', विटामिन 'सी' तथा विटामिन 'बी' के कई प्रकारों का अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह लेनोलेनिक एसिड, ओमेगा-6 फैटी एसिड और ओलिक एसिड का भी अच्छा स्रोत है।
लाभ:
  1. मधुमेह (टाइप 1 व टाइप 2 दोनों ही प्रकार) में उपयोगी है। इसमें चेरेन्टिन, विसीने व पाॅलीपेप्टाइड पी नामक 3 उपयोगी कंपाउंड होते हैं, जो मधुमेह को रोकने में मदद करते हैं। पैंक्रियाज के इंसुलिन उत्पादन को बढ़ाता है।
  2. ब्लड प्यूरीफायर का काम करता है। अशुद्ध रक्त से एलर्जी, थकान, सिर दर्द, मुहासे, एक्जिमा, सोरायसिस आदि होते हैं, जिनसे यह मुक्त करता है।
  3. लिवर से टाॅक्सिंस बाहर निकालने में मदद करता है। पीलिया में लाभदायी है।
  4. फाइटोन्यूट्रीएंट और एंटीऑक्सीडेंट होने से कोलेस्ट्रॉल कम करता है तथा हार्ट अटैक व स्ट्रोक का रिस्क कम कर देता है।
  5. फ्री रेडिकल्स दूर करके इम्यून सिस्टम मजबूत करता है। एक शोध के अनुसार-ट्यूमर के विकास को रोकता है। ब्रेस्ट व प्रोस्टेट कैंसर में लाभदायी है।
  6. फैट के स्टोरेज को कम करता है, अतः मोटापा दूर होता है।
  7. आंत के कीड़े (हानिकारक) नष्ट होते हैं।
  8. शराब की लत छुड़ाने में मददगार है और हैंगओवर भी ठीक करता है।
  9. कब्ज व बवासीर में उपयोगी है।
  10. सूर्य की हानिकारक किरणों (यू.वी. रेज) से बचाता है।
  11. बीटा कैरोटीन होने से मोतियाबिंद बनने से रोकता है।
  12. एच.आई.वी. रोगी की स्थिति में सुधार लाता है।
सावधानी 
  • ज्यादा मात्रा में लेने से पेट दर्द व दस्त जैसे कष्ट परेशान कर सकते हैं।
  • गर्भवती महिलाओं को ज्यादा मात्रा में देने से समय पूर्व प्रसव (प्रीमैच्योर डिलीवरी) हो सकता है।

गेहूं के जवारे का रस (Wheat millet juice)


गेहूं के जवारे के रस को ह्वीट ग्रास जूस भी कहा जाता है। वैज्ञानिक इसे ग्रीन ब्लड नाम भी देते हैं। यह शीघ्र असर करने वाला शक्तिशाली पेय है। गेहूं के जवारे का रस कई प्रकार के मिनिरल्स व विटामिंस का उत्तम स्रोत है। इसमें विटामिन 'ए', 'सी', 'ई', 'के', 'बी', थायमिन, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन 'बी6', पेंटाथेनिक एसिड, पोटेशियम, आयरन, जिंक, काॅपर, मैंगनीज़, सेलेनियम व फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह हीमोग्लोबिन बढ़ाने वाला है।
लाभ:
  1. एक्जिमा, सोरायसिस, मुहासे आदि में लाभदायी है और त्वचा के घावों को भरता है। इसमें त्वचा की कोशिकाओं को शीघ्र पुनर्जीवन प्रदान करने की क्षमता है।
  2. उत्तम पाचक है। एंजाइम्स, एमीनो एसिड व विटामिन 'बी' होने से अल्सर, आई बी एस (इरिटेटिंग बाउल सिंड्रोम) व अपच को दूर करता है।
  3. ब्लड ऑक्सीजनेटिंग के कारण खून साफ करके कैंसर से बचाता है।
  4. क्लोरोफिल से ऑक्सीजन अधिक मिल पाता है। आर.बी.सी. की काउंटिंग बढ़ाता है।
  5. पी4 डी1 नामक कंपाउंड से स्पर्म काउंट व प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
  6. लिवर की डैमेज सेल्स को पुनर्जीवित करने में सक्षम है।
  7. बालों को सफेद होने से रोकता है।
  8. तनाव आदि मानसिक विकारों को दूर करता है।
  9. थायराॅइड का कार्य सुचारू करके वजन घटाता है।
  10. यह एंटीमाइक्रोबियल गुणों का स्रोत है। इससे मुंह में बदबू व मसूड़ों से खून आना बंद होता है।
  11. अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार-इसमें एल्केलाइन मिनिरल्स होते हैं, जो कब्ज व दस्त में राहत देते हैं। मैग्नीशियम की अधिक मात्रा कब्ज को दूर करती है। यह रेक्टल ब्लीडिंग को रोकता है और कैंसर को भी ठीक करता है।
  12. उल्टी (कफ-वृद्धि से होने वाली) व उबकाई में दोषों को बाहर निकालकर ठीक करता है।
  13. स्वाभाविक रूप से क्षारीय (एल्केलाइन) होने से जवारे का रस शरीर के पी.एच. लेवल में सुधार करता है और एसिडिटी दूर करता है।
  14. सूजन व संक्रमण दूर करता है। बड़ी आंत की सूजन में लाभदायी है।
  15. साइनस में लाभदायी है।
सावधानी 
  • मात्रा की अधिकता डायरिया, उल्टी व सिर दर्द का कारण बन सकती है।
  • यदि एलर्जी हो, तो चेहरा व गला सूजा हुआ व लाल हो सकता है।

नारियल पानी (Coconut water)


नारियल पानी एंटीऑक्सीडेंट, एमीनो एसिड, एंजाइम्स, विटामिन 'बी' काम्प्लैक्स', विटामिन 'सी', आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज़, जिंक आदि से भरपूर होता है।
लाभ:
  1. यह हाई ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है तथा एंटीथ्राम्बोटिक गुण होने के कारण रक्त के थक्के को रोकने में मदद करता है।
  2. डिहाइड्रेशन दूर करता है। इसमें पाए जाने वाले सोडियम व पोटेशियम इलेक्ट्रोलाइट की तरह काम करते हैं। स्पोर्ट्स ड्रिंक की तरह शरीर पर इसका पाॅजिटिव इफेक्ट पड़ता है।
  3. हृदय रोग में हितकारी है। एल.डी.एल. को कम करता है और एच.डी.एल. लेवल को बढ़ाता है। एंटीऑक्सीडेंट, सूजन को कम करना व एंटीप्लेटलेट गुण होने से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके हाइपरटेंशन व स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
  4. हैंगओवर दूर करता है।
  5. वजन कम करने में मदद करता है।
  6. सिर दर्द, माइग्रेन के दौरे कम करने में मदद करता है।
  7. गर्भावस्था की माॅर्निंग सिकनेस, कब्ज, थकान, हाई ब्लडप्रेशर और यूरिन इंफेक्शन दूर करके गर्भस्थ शिशु को पोषण देता है।
  8. मधुमेह में इंसुलिन की प्रति संवेदनशीलता में सुधार करता है। लेकिन डाॅक्टर की देखरेख में ही लें।
  9. किडनी डिजीज में यूरिन इंफेक्शन और पथरी (रीनल स्टोन) के खतरे को कम करता है।
  10. इसमें साइटोकाइनिन्स होता है, जो सेल्स व टिश्यु पर एजिंग फैक्टर पर प्रभावी है और यौवन प्रदान करता है।
  11. लिवर के लिए फायदेमंद है। इसमें एमीनो एसिड एलानिन होता है, जो शुगर को ऊर्जा में परिवर्तित करने व लिवर से टाॅक्सिंस को खत्म करने में मदद करता है।
  12. बालों के लिए लाभदायी है। यह बालों को मुलायम, काला व घना बनाता है। त्वचा व बालों में नेचुरल ग्लो बढ़ाने वाला है।
सावधानी 
  • यदि नारियल से एलर्जी हो तो, नारियल पानी नहीं लेना चाहिए।
  • कुछ लोगों को सूजन व पेट की परेशानी हो सकती है।
  • सर्जरी के दो सप्ताह पहले से न पिएं, अन्यथा ब्लडप्रेशर कंट्रोल करने में परेशानी हो सकती है।
  • किडनी डिजीज में डाॅक्टर की सलाह से ही नारियल पानी का प्रयोग करें।
  • एथलीटों के लिए कम लाभदायी है, क्योंकि सोडियम की मात्रा कम होने से सोडियम की आपूर्ति नहीं हो पाती है।
  • ज्यादा मात्रा में लेने से मूत्राधिक्यता (पेशाव अधिक आना) हो सकती है।
  • कफ प्रकृति वाले न लें, क्योंकि शीतवीर्य है।
  • ब्लडप्रेशर लो हो, तो न लें।
  • पाचन शक्ति बढाता है, लेकिन ज्यादा मात्रा में लेने से अपच, पेट दर्द, दस्त आदि कष्ट परेशान कर सकते हैं।

स्ट्राबेरी का रस (Strawberry juice)


स्ट्राबेरी के रस में विटामिन 'सी', 'बी6', प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, कोलाइन, फैट, कार्बोहाइड्रेट-पेंटाथोनिक, फाॅस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, पोटेशियम, मैंगनीज़, कैल्शियम, सोडियम आदि मौजूद होते हैं।
लाभ:
  1. रोग-प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी पाॅवर) को बढ़ाता है।
  2. आंखों के लिए लाभदायी है, मोतियाबिंद से बचाव करता है।
  3. फ्लेवोनाॅइड, फोलेट, केंफोरेल और विटामिन 'सी' होता है, जो कैंसर उत्पन्न होने से बचाते हैं।
  4. हार्ट डिजीज से बचाव करता है। एच.डी.एल. को कम करके और धमनियों की ब्लाॅकेज से सुरक्षा करके हार्ट डिजीज का खतरा कम करता है।
  5. टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम होता है। 40 ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने से मधुमेह रोगी ले सकते हैं।
  6. कैलोरी बहुत कम होती है। मेटाबाॅलिज्म में सुधार करके वजन कम करने में मदद करता है।
  7. फाइबर होने से बाउल मूवमेंट में सुधार होता है।
  8. दांतों की चमक व सफेदी बढ़ाता है।
  9. एंटी एजिंग फैक्टर होने से बढ़ती उम्र का असर दिखाई नहीं देता।
  10. अस्थमा व एलर्जी में लाभ मिलता है।
  11. गर्भावस्था में पोषण प्रदान करता है।
  12. कील मुहासे व झुर्रियां दूर करके त्वचा में नेचुरल ग्लो लाता है।
  13. डिप्रेशन दूर करता है।
  14. हड्डियों को मजबूती देता है और गठिया होने से बचाव करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट व फाइटो केमिकल्स होते हैं, जो जोड़ों की सूजन कम करते हैं।
  15. पोटेशियम की मौजूदगी ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए लाभदायी है। हाई ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करता है।
  16. लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से शरीर में एनर्जी (शक्ति) महसूस होने लगती है।
सावधानी 
  • ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने से परेशानी हो सकती है। इसमें विटामिन 'सी' व 'ए' बहुत ज्यादा होते हैं, जो डायरिया, गैस्ट्रिक और सुस्ती जैसी तकलीफों की वजह बन सकते हैं।
  • फाइबर ज्यादा होता है, अतः ज्यादा मात्रा में प्रयोग करने से आंतों में परेशानी होती है।
  • कभी-कभी ज्यादा लेने पर गले में दर्द हो जाता है।

अनार का रस (pomegranate juice)


अनार के रस में असंख्य गुण होते हैं। इसमें संतरे और ग्रीन टी की तुलना में 3 गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। यह एलेजिक एसिड और पुनिसिक एसिड (एंटीऑक्सीडेंट व ओमेगा-5 पाॅली अनसैैचुरेटेेेड फैटी एसिड) का अच्छा स्रोत है, जो सेल्स के पुनः जनन के लिए लाभदायी हैं। विटामिन 'ए', 'बी3', 'बी1', 'बी2, फोलिक एसिड (विटामिन 'बी9'), विटामिन 'सी' व 'ई' के साथ-साथ इसमें कैल्शियम, फाॅस्फोरस, पोटेशियम व आयरन जैसे मिनिरल्स भी होते हैं।
लाभ:
  1. हृदय के लिए लाभदायी है। आयुर्वेद में भी इसे हृंद्य बताया गया है। एथेरोस्क्लेरोसिस (धमनी काठिन्य) दूर करता है। एल.डी.एल. कम करता है और एच.डी.एल बढ़ाता है।
  2. फ्रक्टोज ज्यादा होने से अन्य फलों की तुलना में शुगर लेवल नहीं बढ़ता है।
  3. नेचुरल एस्प्रिन है। ब्लड वेसल्स की क्षति (डैमेज) व सूजन को कम करता है।
  4. डब्ल्यू.बी.सी. को उत्तेजित करके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है। प्रोस्टेट कैंसर में सेल का बढ़ना कम होता है। ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करता है।
  5. पाचन संबंधी समस्या व दस्त में लाभदायी है।
  6. दांतों के कैविटी व संक्रमण (स्टेफ इंफेक्शन) को रोकता है।
  7. एंटी- माइक्रोबियल गुण एच.आई.वी. संक्रमण फैलने से भी रोकते हैं। अन्य फलों की तुलना में अनार में एच.आई.वी. के फैलने को रोकने की सबसे अधिक क्षमता होती है।
  8. आयरन की अधिकता से एनीमिया में लाभदायी है।
  9. पाचन में सुधार होकर आंतों के कार्य नियमित होने से वजन नियंत्रित होता है।
  10. मूत्रपथ संक्रमण (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) को दूर करने में मदद करता है।
  11. आॅस्टियोपोरोसिस व ऑस्टियो आर्थराइटिस में लाभदायी है। शोध के अनुसार-यह कार्टिलेज की क्षति को कम करने में असरदार है।
  12. अल्जाइमर रोग से बचाव होता है।
  13. गुर्दे की पथरी (किडनी स्टोन) में लाभदायी है।
  14. नपुंसकता में उपयोगी है।
  15. गर्भावस्था में आयरन की आपूर्ति होती है, गर्भ का उचित विकास तथा नार्मल डिलीवरी होती है। डिलीवरी के दौरान होने वाली समस्याएं कम होती हैं।
  16. त्वचा की नमी बनाय रखता है। झुर्रियों व दाग-धब्बों से बचाव होता है और पिंपल्स को रोकने में मदद करता है।
  17. बालों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायी है।
सावधानी 
  • यदि सर्दी-जुकाम व फ्लू हो, तो इन लक्षणों को बढ़ा सकता है।
  • खांसी बढ़ाता है। गले के रोगों में भी न लें (अनार का छिलका खांसी में लाभदायी है)।
  • कब्जकारक है, अतः ज्यादा मात्रा में न लें।
  • यदि ब्लडप्रेशर लो रहता हो, तो न लें या डाॅक्टर की सलाह के बाद ही लें।
  • यदि आप को अनार खाने से एलर्जी होती हो, तो आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

अंगूर का रस (Grape juice)


अंगूर का रस पोषक तत्वों का खजाना माना जाता है। यह फाइबर, प्रोटीन, काॅपर, पोटेशियम, आयरन, फोलेट और विटामिन 'सी', 'ए', 'के', व 'बी2' का अच्छा स्रोत है। अंगूर का रस एंटीऑक्सीडें, एंटी-इंफ्लामेट्री, रोगाणुरोधी है। इसमें फिनोल और पाॅलीफेनाल्स भी अधिक मात्रा में पाय जाते हैं।

लाभ:
  1. अंगूर में प्राकृतिक फेनोलिक कंपाउंड मिलता है, जो कैंसर-विरोधी गुण वाला होता है। यह कोलोरेक्टल, लंग्स, प्रोस्टेट व ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने में असरदार है, साथ ही यू.वी. रेज (अल्ट्रावायलेट रेज) से त्वचा की रक्षा करके स्किन कैंसर में भी लाभदायी होता है।
  2. अल्जाइमर से बचाव करता है, न्यूरोजेनेरेटिव डिजीज की शुरुआत को धीमा करता है।
  3. एच.डी.एल. को बढ़ाकर एल.डी.एल. (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने में मदद करता है। बैंगनी रंग के अंगूर का रस एल.डी.एल. की संवेदनशीलता कम करता है। यह ब्लड में नाइट्रिक ऑक्साइड के लेवल को बढ़ाकर दिल के दौरे की आशंका कम करता है।
  4. हाई ब्लडप्रेशर व हार्ट डिजीज में लाभदायी है। क्लाट जमने की समस्या को कम करता है। पोटेशियम की वजह से सोडियम का प्रभाव कम करता है। इसमें एंटी-इंफ्लामेट्री गुण होने से सूजन को कम करता है। आर्टरी का लचीलापन बढ़ाता है। एथेरोस्क्लेरोसिस दूर होता है।
  5. एनर्जी बूस्टर के रूप में थकान दूर करके पोषण देता है।
  6. यह रेटीना में रक्षात्मक प्रोटीन को बढ़ाता है, जिससे लंबे समय तक दृष्टिदोष नहीं होता।
  7. शरीर से टाॅक्सिंस बाहर निकालता है (मल-मूत्र द्वारा)।
  8. इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
  9. ऑस्टियोपोरोसिस दूर करता है। अस्थि घनत्व (बोन डेंसिटी) बढ़ाने वाला है।
सावधानी 
  • रोजाना ज्यादा मात्रा में लेने से वजन बढ़ सकता है।
  • अपच व दस्त की शिकायत हो सकती है।
  • फ्रक्टोज से सेंसिविटी हो, तो लिवर व किडनी के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
  • पेट में गैस बनती है।
  • फाइबर कम ले रहे हों, तो मितली या उल्टी हो सकती है।

मौसमी का रस (Lime juice)


मौसमी के रस में विटामिन, काॅपर, फाइबर, आयरन, जिंक, कैल्शियम आदि पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं।
लाभ:
  1. विटामिन 'सी' की अधिकता से स्कर्वी रोग में लाभदायी है।
  2. जुकाम, होंट फटना व फ्लू की शिकायत दूर करने में मददगार है।
  3. डिहाइड्रेशन से बचाता है।
  4. मुंह के छाले व मुंह की बदबू दूर होती है।
  5. पेप्टिक अल्सर में लाभदायी है।
  6. कब्ज, मितली, दस्त व अपच की शिकायत दूर करता है।
  7. गर्भावस्था में कैल्शियम का अच्छा स्रोत है।
  8. मूत्राशय शोथ (सिस्टाइटिस) व यू.टी.आई. में लाभदायी है।
  9. आंखों, त्वचा व बालों के लिए लाभदायी है।
  10. पीलिया में भरपूर लाभ मिलता है।
सावधानी 
  • मुंह व दांतों के रोग दूर करता है, लेकिन इसे लेने के बाद यदि दांतों की सफाई नहीं की जाए, तो बैक्टीरिया बढ़कर कैविटी की आशंका बढ़ जाती है।
  • गर्भावस्था में अधिक मात्रा में लेने से पेट दर्द होकर गर्भस्थ शिशु पर भी हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
  • यदि मौसमी खाने से एलर्जी होती हो, तो मौसमी का रस आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
नोट:- जूस थेरेपी, Juice therapy का पूरा लाभ लेने के लिए निम्नलिखित सुझाव जरूर अपनाएं-
  • यूं तो सब्जियों का या फलों का रस, सभी अपनी-अपनी जगह लाभदायी होते हैं, लेकिन सभी में अपने अलग-अलग गुण होते हैं और वे अलग-अलग ही हमारे शरीर पर प्रभाव डालते हैं। अतः हर व्यक्ति को सभी प्रकार का रस फायदेमंद साबित हो, ऐसा जरूरी नहीं है। इस लिए अगर किसी रस का लगातार सेवन करना हो, तो अपने डाॅक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
  • रस की मात्रा भी डाॅक्टर की सलाह से ही तय करनी चाहिए।
  • चीनी मिलाकर रस कभी भी नहीं लेना चाहिए। बाजार में मिलने वाले रस में चीनी मिली होती है। इस लिए लाभ की जगह नुकसान भी हो सकता है।
  • एक साथ दो या तीन तरह के रसों का सेवन न करें।
  • रस ताजा ही सेवन करना चाहिए। रस निकाल कर आधा घंटे के भीतर ही इस्तेमाल कर लेना चाहिए।क्योंकि देर तक रखा रहने से इसकी गुणवत्ता समाप्त हो जाती है।
  • डिब्बाबंद रस न लें, इसमें प्रिजर्वेटिव व रंग मिलाया हुआ होता है, जो आपको हानि पहुंचा सकता है।
  • रात में, बर्षा श्रतु में, फ्रीज में ज्यादा देर तक रखा हुआ और बासी रस को कभी भी नहीं पीना चाहिए।
  • भोजन के फौरन बाद रस सेवन नहीं करना चाहिए।
  • आराम से बैठकर एक-एक घूंट करके रस का सेवन करना चाहिए।
  • फल या सब्जी के रस के साथ दूध को मिक्स करके नहीं पीना चाहिए।
  • यदि दस्त, उल्टी, अजीर्ण या अग्निमांद्य हो, तो रस नहीं लें। पचने में रस थोड़ा भारी होते हैं, अतः सुबह में या दोपहर तक ही पी लेना चाहिए। ताकि आसानी से शाम तक पाचन हो सके।
दोस्तो जानकारी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें, और फॉलो, सब्सक्राइब करना न भूलें। जानकारी कैसी लगी कमेंट करके बताएं।

धन्यवाद!

Comments

Popular posts from this blog

बवासीर का उपचार

पुरुष गुप्त रोग (Venereal disease), शीघ्र पतन (Premature ejaculation), बलवर्धक (Amplifier), मर्दाना ताकत (Manly power), ताकत की खीर (Takat ki kheer), अधिक देर तक रुकने की विधि

बेस्ट फूड हैं ड्राई फ्रूट्स । मुनक्का, अंजीर, खजूर, अखरोट, बादाम

मर्दाना शक्ति बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय। Mardana shakti badhane ke liye gharelu upaye।

कायाकल्प करने वाले चुनिंदा आयुर्वेदिक टाॅनिक (Selective Ayurvedic Tonic to Rejuvenate)