लिंग में वृद्धि करने के लिए कुछ सामान्य घरेलू उपाय: (Some common home remedies to enlarge penis.)

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 लिंग में वृद्धि करने के लिए कुछ सामान्य घरेलू उपाय: (Some common home remedies to enlarge penis.) 1. व्यायाम और स्ट्रेचिंग:  कुछ व्यायाम और स्ट्रेचिंग तकनीकें लिंग के आकार और कार्य में सुधार करने में मदद कर सकती हैं। जेलीग्रैब, केगल व्यायाम, और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज कुछ उदाहरण हैं। 2. आहार और पोषण:  संतुलित आहार और उचित पोषण सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ पूरक जैसे विटामिन, मिनरल्स, और हर्बल सप्लीमेंट्स का सेवन भी लाभकारी हो सकता है, लेकिन इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना आवश्यक है। 3. डिवाइस और उपकरण:  कुछ डिवाइस जैसे एक्सटेंडर और वैक्यूम पंप का उपयोग लिंग वृद्धि के लिए किया जाता है। इनका उपयोग सावधानी से और निर्देशों के अनुसार करना चाहिए। 4. तनाव प्रबंधन और मानसिक स्वास्थ्य:  तनाव और मानसिक स्वास्थ्य का लिंग स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। योग, ध्यान, और अन्य तनाव प्रबंधन तकनीकें सहायक हो सकती हैं। 5. स्वच्छता और स्वास्थ्य:  लिंग की स्वच्छता बनाए रखना और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाना भी महत्वपूर्ण है। नोट: किसी भी नए उपाय या उपचार को अपनाने स...

रक्त वृद्धि व वीर्य वृद्धि के घरेलू नुस्खे (Home remedies for blood growth and semen enlargement)

रक्त वृद्धि व वीर्य वृद्धि के घरेलू नुस्खे  (Home remedies for blood growth and semen enlargement)


  1. केला वीर्यवर्द्धक और शुक्रवर्द्धक है तथा नेत्र रोगों में लाभदायक है। केला एक शक्तिदायक खाद्य है। केला फल नहीं है। इसे रोटी की जगह खाना चाहिए। केले में स्टार्च और शर्करा अधिक होता है। केला कफ और रक्तपित्त नाशक भी है। छोटे बच्चों को इसे दूध में मिलाकर दिया जाता है।विशेष:- भूखे पेट केला नहीं खाना चाहिए। भोजन के बाद केला खाने से शक्ति प्राप्त होती हैमांसपेशियां मजबूत होती हैं। एक समय में से अधिक केले नहीं खाने चाहिए। रात को केला खाने से गैस पैदा होती है। त्रिदोष (वातपित्त और कफशांत करने के लिए केला और शक्कर खाएं। जहां तक हो केला ताजा ही खाएं।                                                नोट:- केले से अजीर्ण होने पर इलायची खाएं।
  2. बेर भूख और वीर्य बढाता है। यह ठंडा है। रक्त शोधक है तथा नेत्र ज्योति बढाता है। रक्तातिसार और आंतों के घाव ठीक करता है। बेर यक्ष्मा नाशक भी है।
  3. पिस्ते में विटामिन 'बहुत होता है। विटामिन 'से वीर्य की वृद्धि होती है। पिस्ता मस्तिष्क की दुर्बलता को दूर करता है और हृदय की धड़कन कम करता है।
  4. जिनका वीर्य संभोग के आरंभ होते ही स्खलन हो जाए, (निकल जाएउन्हें बादाम की गिरी 6, काली मिर्च दानेसोंठ ग्राम और मिश्री इच्छानुसारइन सबको मिलाकर चबा-चबाकर खाकरऊपर से दूध पीने से लाभ होता है।
  5. दालचीनी (Cinnamon) बहुत बारीक पीस लें। इसे 4-4 ग्राम की मात्रा में सुबह और रात को सोते समय गर्म दूध से सेवन करने से दूध पच जाता है तथा अपार वीर्य वृद्धि होती है।
  6. तरबूज (Watermelon) वीर्यवर्द्धक हैअतः इसका सेवन लाभप्रद है। (तरबूज भोजन करते हुए बीच में अथवा खाना खाने के घंटे के बाद खाना चाहिए।)
  7. किसी भी तरह बथुआ नित्य सेवन करें। बथुआ शुक्रवर्द्धक है। बथुए में लोहापारासोना और क्षार पाया जाता है। बथुए का साग जितना अधिक से अधिक सेवन किया जाएनिरोग रहने के लिए उपयोगी है। बथुए का सेवन कम से कम मसाले डालकर करेंनमक न मिलाएं तो अच्छा है। यदि स्वाद के लिए नमक मिलाना ही पड़ेतो सेंधा नमक मिलाएं और गाय या भैंस के घी से छौंक लगाएं। यह हरा साग है। यह पथरी होने से बचाता है। आमाशय को बलवान बनाता है। कब्ज को भी दूर करता है।
  8. आधुनिक चिकित्सा वैज्ञानिकों की राय है कि शराब के प्रभाव में यौनाचार सहित कोई भी भावना बेकाबू या अनियंत्रित (Out of controlहो जाती है। इससे अल्पज्ञानी अथवा अज्ञानी लोगों को यह धारणा पैदा होती है कि शराब का सेवन यौन क्रिया के लिए बलदायक है। जबकि विशेषज्ञों की राय यह भी है कि शराब के सेवन से वीर्य के शुक्राणु (spermबिगड़ जाते हैंजिसका बुरा प्रभाव संतान पर पड़ता है। शराब से यौन क्रियाओं पर जो असर पड़ता हैउससे यौन समागम की इच्छा तो पैदा होती हैकिन्तु कार्य शक्ति घट जाती है।
  9. चाय वीर्य को पतला करती है। यकृत को कमजोर करती है तथा रक्तक्षीणता बढ़ती है। यह त्वचा में सूखापन (Drynessलाती हैअतः इसका सेवन (विशेषकर नवयुवकों कोनहीं करना चाहिए।
  10. शहद में रक्त निर्माण करने वाले तत्व होते हैं। यह पाचन अंगों में वायु बनना रोकता हैभूख बढ़ता है। अजीर्ण और अन्य रोगों को दूर करता है। भोजन पचाता है। शरीर को शक्ति देता है और शरीर को पुष्ट बनाता है। (छोटे बच्चों को आधा चम्मच शहद नित्य बार चटाते रहने से वे हष्ट-पुष्ट और चुस्त हो जाते हैं। उनका स्नायविक संस्थान बहुत शक्तिशाली हो जाता है।प्रातःकाल नीबू और शहद गर्म पानी में लेने से स्फूर्ति प्रतीत होती है। रोगोपरांत की दुर्बलता को दूर करने के लिए दोपहर में भोजन के बाद चम्मच शहद सेवन करने से दुर्बलता दूर होती है। शहद में विटामिन 'और 'बीबहुत होता हैजो शक्ति देते हैंनेत्र ज्योति बढ़ाते हैंरक्त बढ़ाते हैं। विटामिन 'बीकी कमी से होने वाली 'बेरी-बेरीनामक बीमारी ठीक हो जाती है। मस्तिष्क की कमजोरी दूर हो जाती है।
  11. शहद और दूध मिलाकर पीने से वीर्य क्षय में लाभ होता है।
  12. शरीर में बल वीर्य की वृद्धि होती है। यह शुक्रवर्द्धक भी है। मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए दूध में शहद मिलाकर पिएं। इससे वीर्य के दोष भी दूर हो जाते हैं।
  13. स्त्री संग (मैथुनोपरांत) 1 गिलास दूध में बादाम पीसकर मिलाएं और चम्मच देसी घी डालें। इसे पीने से फिर बल मिलता है। नामर्दी दूर करने के लिए सर्दी के दिनों में रत्ती केसर डालकर पिएं।
  14. जलेबी भी एक पौष्टिक खाद्य है। अधिक स्त्री प्रसंग से दुर्बल रोगी (पुरुषको यह शक्ति देती है।
  15. 60 ग्राम मुनक्के को धोकर भिगो दें। 12 घंटे बाद इनको खाएं। भीगे हुए मुनक्के पेट के रोगों को दूर कर रक्त और वीर्य बढ़ाते हैं। मुनक्के धीरे-धीरे बढ़ाकर 200 ग्राम तक लिए जा सकते हैं। वर्ष भर में इस प्रकार 3-4 किलो मुनक्के खाना बहुत ही लाभकारी है।
  16. जिनका वीर्य पतला है और जरा-सा उत्तेजना से ही निकल जाता हैवे ग्राम जामुन की गुठली का चूर्ण नित्य शाम को दूध से सेवन करें लाभ होगा।

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