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गर्मियों में स्वस्थ रहने के कुछ आसान घरेलू उपाय (Some easy home remedies to stay healthy in summer.)

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गर्मियों में स्वस्थ रहने के कुछ आसान घरेलू उपाय (Some easy home remedies to stay healthy in summer.)  गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए कुछ आसान घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं: *पेय पदार्थ* - भरपूर मात्रा में पानी पिएं, कम से कम 8-10 गिलास प्रतिदिन। - नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ और फलों का जूस पिएं। - बेल का शरबत और तरबूज का रस भी शरीर को ठंडक देते हैं। *भोजन* - हल्का और ताजगी भरा खाना खाएं। - तले-भुने और मसालेदार खाने से बचें। - सलाद, दही, फल और हरी सब्ज़ियां खाएं। *धूप से बचाव* - दोपहर के समय बाहर निकलने से बचें। - सिर को कपड़े या छाते से ढकें। - हल्के रंगों वाले ढीले कपड़े पहनें। *स्वच्छता* - दिन में एक बार नहाएं। - ज्यादा पसीना आने पर दिन में दो बार नहाएं। *अन्य उपाय* - कैफीन और अल्कोहल वाले पेय से बचें। - इलेक्ट्रॉल का सेवन करें ताकि शरीर के खोए हुए मिनरल्स की भरपाई हो सके। - लू लगने के लक्षणों को पहचानें और तुरंत ठंडी और हवादार जगह पर जाएं । जानकारी अच्छी लगी हो तो लाईक, शेयर तथा कमेंट करें।

पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND), लिंग की चमड़ी उलट जाना, लिंग मुण्ड का न खुलना, (PHIMOSIS), जन्मजात निरुद्धता (CONGENITAL PHIMOSIS)

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  पौरुष ग्रन्थि का बढ़ जाना (ENLARGEMENT OF PROSTATE GLAND) रोग परिचय कारण एवं लक्षण:- इसमें पौरुषग्रन्थि बगैर सूजन के बढ़ जाती है। यह रोग बिना कीटाणुओं के आक्रमण से हो जाता है। यही कारण है कि इसमें दर्द और ज्वर आदि नहीं होता है। प्राय: यह रोग 50 वर्ष की आयु के बाद ही होता है। प्रारम्भ में मूत्र में कुछ कठिनाई और रुकावट सी आती है, बाद में मूत्र बिना कष्ट के, सामान्य रूप से आने लगता है। रोग बढ़ जाने पर मूत्र बार-बार आता है, मूत्राशय मूत्र सें पूरा खाली नहीं होता, कुछ न कुछ मूत्र मूत्राशय में रुका ही रह जाता है। मूत्र करते समय रोगी को ऐसा महसूस होता है कि जैसे कोई चीज मूत्र को बाहर निकलने से रोक रही है। इस रोग के मुख्य कारण अत्यधिक मैथुन तथा अत्यधिक सुरापान है। यह रोग प्रायः तर मौसम (तर जलवायु) में रहने वालों को अधिक हुआ करता है। चिकित्सा:- इस रोग में खट्टे, ठन्डे और तर भोजनों और तरकारियों तथा देर से पचने वाले भोजनों यथा-दही, मट्टा, गोभी, बैंगन, अरबी (घुइयाँ) आदि का पूर्णतयः निषेध है। रोगी को मैथुन न करने की हिदायत दें। 'सोये के तैल' की मालिश करें। यदि औषधियों से रोगी ठीक न हो ...